डलहौज़ी कैसे पहुंचे सम्पूर्ण जानकारी । हिल स्टेशन । dalhousie kese jaye hindi

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डलहौज़ी कैसे पहुंचे सम्पूर्ण जानकारी । हिल स्टेशन । dalhousie kese jaye hindi

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डलहौज़ी कैसे पहुंचे
डलहौज़ी 

डलहौजी हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत शहर है समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 2036 मीटर है इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का श्रेय अंग्रेजों को जाता है अंग्रेज यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर मुग्द हो उठे थे लॉर्ड डलहौजी को भी यह स्थान बेहद प्रिय था तभी इस स्थान का नामकरण डलहौजी के रूप में हुआ ।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजादी के आंदोलन के दौरान 5 महीने डलहौजी में गुजारे थे । भारत के महानतम कवि श्री रविंद्र नाथ टैगोर जी ने भी सन 1883 में यहा एक माह गुजारा था और यहां के रमणीय वातावरण में रम कर गई कविताओं की रचना की थी । शहीद भगत सिंह जी के चाचा अजीत सिंह के साथ भी इस स्थल की यादें जुड़ी हुई है । प्रसिद्ध पंजाबी साहित्यकार नानक सिंह जी ने भी डलहौजी में साहित्य सृजन के लिए अपना काफी समय बिताया था । डलहौजी हिमाचल प्रदेश के चंबा घाटी का प्रवेश द्वार माना जाता है । यहां कदम रखते ही सैलानी यहां के प्राकृतिक वातावरण में रम जाता है और उसे एक आत्मिक आनंद की अनुभूति होती है । यहा आने वाले पर्यटक को कभी गगनचुंबी पर्वत आकर्षित करते हैं तो कभी घाटियों के सीने पर बने कलात्मक घर अपनी और आने के लिए विवश करते हैं कभी झरनो का संगीत मदमस्त कर देता है तो कभी शीतल हवा के झोंके ताजगी का अहसास कराते हैं यहां से पंजाब के कुछ मैदानी इलाकों के साथ-साथ कश्मीर क्षेत्र की विशालकाय हिमानी चोटियों को भी देखा जा सकता है ।

डलहौजी में घूमने लायक प्रमुख स्थान – Top places to visit in Dalhousie

पंजपुला, डायना कुंड, कालाटॉप, सतधारा, झंदरीघाट, और खजियार ।

पंजपुला : Panjpula Dalhousie

डलहौजी के अजीत सिंह रोड पर स्थित पंजपुला एक रमणीक स्थल है । पांच छोटे पुलों के नीचे बहती जलधारा के कारण इसका नाम पंजपुला पड़ा है । यहा पर एक बहुत ही खूबसूरत प्राकृतिक जलकुंड है जो दर्शनीय हैं । इसके अलावा या क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की समाधि भी देखने योग्य है ।

डायना कुंड : Dyna kund Dalhousie in hindi

यह शहर की सबसे ऊंचाई पर स्थित एक बेहद खूबसूरत पर्यटक स्थल है। यहां से रावी, व्यास और चीनाव नदियों को बहते हुए देखना बड़ा मनमोहक लगता है। यहां पहुंच कर ऐसा लगता है जैसे आसपास के पहाड़ छोटे पड़ गए हो वास्तव में यहा की प्रकृति कुछ अलग ही देखने को मिलती है।

सतधारा : Satdhara Dalhousie hindi

सतधारा डलहौजी पंचपुला मार्ग पर स्थित एक जलप्रपात है 

इसका पानी अत्यंत स्वच्छ और रोग निवारक है इस धरने में कभी छोटी-छोटी सात धाराएं गिरती थी इसी वजह से इसे सतधारा के नाम से जाना जाता है।

झंदरीघाट : Jhandri Ghat Dalhousie Hindi

पुरातात्विक स्थलों में रुचि रखने वाले पर्यटक इस स्थल पर अवश्य जाते हैं। यहा पुराने महलों के खंडहर और अन्य पुरानी इमारतें देखी जा सकती है । पिकनिक के लिए यह अच्छा स्थान है।

कालाटॉप : Kalatop Dalhousie hindi

यहां पर बांस चीड़ व देवदार के वृक्षों के मध्य में स्थित यह पर्यटन स्थल बेहद आकर्षक है । यहा पर पर्वतीय पंछियों की चर्चा हट मन मोह लेती है।

खजियार : khajjiar Dalhousie Hindi

डलहौजी से 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खजियार मिनी स्विट्जरलैंड व मिनी गुलमर्ग के नाम से जाना जाता है

यहां प्रकृति अपने पूरे शबाब पर दिखाई देती हैं। यहां एक तश्तरीनुमा झील है। जो 1.5 किलोमीटर लंबी है। सर्दियों में खजियार जब बर्फ की सादर ओढ़ता है तो यहां का सौंदर्य गजब का लगता है । यहां झील किनारे पहाड़ी शैली में बना एक मंदिर भी है जिसमें नाग देवता की प्रतिमा स्थापित है

डलहौजी कैसे पहुंचे । Dalhousie kaise jaye

वायु मार्ग ।।

वायुमार्ग से पहुंचने के लिए यहां का निकटतम हवाई अड्डा गग्गल, कांगड़ा है, जो लगभग 124 किमी दूर स्थित है।

रेल मार्ग :

यहा आने के लिए पठानकोट तक देश के किसी भी हिस्से से रेल द्वारा पहुंचा जा सकता है । पठानकोट से डलहौजी 78 किलोमीटर दूर है । यहां के लिए अमृतसर दिल्ली चंडीगढ़ जम्मू आदि शहरों से सीधी रेल सेवाएं उपलब्ध है ।

सड़क मार्ग :

डलहौजी के लिए पठानकोट से होकर रास्ता जाता है इस रूट पर नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है।

कब जाएं :

डलहौजी में गर्मियों मे मौसम बड़ा सुहावना होता है। सर्दियों में यहा हिमपात का दृश्य देखते ही बनता है। बरसात के मौसम को छोड़कर यहा कभी भी जाया जा सकता है। सर्दियों में गर्म कपड़े लेकर जाना जरूरी है ।

कहां ठहरे :

यहां पर ठहरने के लिए आपको 1500 से 5000 तक किराए में अलग-अलग होटल और गेस्ट हाउस सुविधा उपलब्ध है ।

डलहौजी में ठहरने के लिए होटल यहां पढ़ें

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