लोंगेवाला युद्ध स्थल का इतिहास Longewala post history in hindi

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 Battle of longewala reaction jaisalmer rajasthan

Longewala post Jaisalmer Rajasthan
War museum

लोंगेवाला युद्ध स्थल यह वो जगह है जहां पर 4 दिसंबर 1971 की रात मां भारती के वीर जवानों ने दुश्मन को ऐसी धूल चटाई जो कभी नहीं भूल पाएगा ।

लोंगेवाला युद्ध स्थल का इतिहास-Longewala youdh sthal history in hindi

जो लोग longewala के बारे में नहीं जानते हैं। उनको मैं बता दूं लोंगेवाला जैसलमेर जिले का एक गांव है। यह गांव भारत और पाकिस्तान की सीमा से नजदीक है। लोंगेवाला गांव में पहले यहा एक भारतीय फौज की चौकी थी और इस चौकी पर 4 दिसंबर 1971 की रात के समय मे पाकिस्तान की सेना ने लोंगेवाला पोस्ट पर हमला कर दिया उसके जवाब में भारत की 23 पंजाब रेजीमेंट के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के पास 120 जवान थे। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व वाली 23 पंजाब बटालियन ने पाकिस्तानी सैनिकों को ऐसा उलझाया कि उनको समझ में नहीं आ रहा था कि भारतीय सैनिक कितनी संख्या में आगे खड़े हैं। 4 दिसंबर की उस पूरी रात भारतीय सेना ने डटकर मुकाबला किया और सुबह होते ही भारतीय वायु सेना indian air force ने मोर्चा संभाल लिया उसके बाद तो पाकिस्तानी सेना में भगदड़ मच गया ।भारतीय वायुसेना के जबरदस्त प्रहार से पाकिस्तानी सेना pakistani army अपने टैंक और ट्रक छोड़कर पैदल ही भागने लगी। भारत ने लोंगेवाला में विजय प्राप्त की और इस युद्ध के बाद इस जगह पर लोंगेवाला मेमोरियल बना। यहा पर हमेशा पर्यटक आते रहते हैं। तो दोस्तों आपको पता चल गया होगा कि लोंगेवाला इतना अहम क्यों है। एक समय था यहा सिर्फ एक भारतीय सेना की चौकी थी और इस युद्ध के बाद तो पूरा इतिहास ही रच डाला भारतीय जवानों ने लेकिन दोस्तों याद रहे लोंगेवाला कि इस पवित्र धरती को भारतीय सैनिकों ने अपने खून से सींचा है। लोंगेवाला वॉर मेमोरियल भारतीय सैनिकों के साहस और बलिदान का प्रतीक है ।

Pakistani army tank t-59 in longewala museum
T-59 pakistani tank

लोंगेवाला युद्ध स्थल-longewala war museum jaisalmer in hindi

इस युद्ध स्थल को लेकर battle of longewala बॉलीवुड में एक फिल्म बनी थी बॉर्डर। फिल्म बॉर्डर में पूरी स्टोरी यही की है। लोंगेवाला युद्ध स्थल के अंदर जाते ही पाकिस्तानी टैंक दिखेगा इस टैंक को सही स्थिति में पाकिस्तानी सेना छोड़कर भाग गई थी। बाद में इसको यहां म्यूजियम में रख दिया। यह t59 tank पाकिस्तान ने चीन से खरीदा था। उस टाइम पाकिस्तान ईस टैंक को काफी शक्तिशाली टैंक मानता था । लेकिन लोंगेवाला युद्ध के बाद इस टैंक की असलियत सामने आ गई क्योंकि उस रात भारत की सेना के पास कोई टैंक नहीं था। उस समय भारत के पास Rcl जीप थी वो भी कम संख्या में। इस जीप पर एंटी राइफल गन की मदद से पाकिस्तानी टैंको को से मुकाबला किया था। आप ने battle of longewala पर बनी फिल्म देखी होगी उसमें इस जीत को दिखाया गया है। और इस म्यूजियम में 30 मिनट तक फिल्म भी दिखाई जाती है। इसके बाद यहां पर लोंगेवाला युद्ध की पूरी कथा लिखी हुई दिखेगी जिसको पढ़ सकते हैं। और यहां पर अशोक स्तंभ। लोंगेवाला मेप।और कई चीजें देखने को मिलेगी। थोड़ी दूरी पर पाकिस्तान का एक टैंक और ट्रक दिखेगा जिसको भारतीय सेना ने बुरी तरह बर्बाद कर दिया था यह ट्रक भारतीय सैनिकों द्वारा बिछाई गई लैंडमाइंस के सपेट में आ गए थे। और यहां पर पत्थरों पर सुंदर देश भक्ति पंक्तियां लिखी हुई दिखेगी।

Longewala jaisalmer rajasthan

युद्ध स्मारक पिलर 638-Longewala youdh sthal pillar

लोंगेवाला पोस्ट रोड के बीचो बीच एक स्मारक है। इस स्मारक में एक पिलर है जिस पर 638 नंबर लिखा है यहां पर आने वाले पर्यटक यही सोचते हैं। यही वह जगह है जहां से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा था लेकिन असली जगह थोड़ी आगे हैं। बॉर्डर के पास वहां पर आम लोगों को जाने की अनुमति नहीं है। इस पिलर को यहा सिर्फ म्यूजियम के तौर पर रखा गया है।

India Pakistan border pillar no.638
Pillar no.638

पाकिस्तान का युद्ध प्लान-pakistan war plan in longewala post jaisalmer

पाकिस्तान का युद्ध प्लान ईस युद्ध में सुबह तक काफी आगे जाने का प्लान था। लेकिन मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व वाली बटालियन ने उनको आगे का रास्ता ढूंढने ही नहीं दिया। Border move बॉर्डर फिल्म में भी कहा जाता है कि वो कहते हैं सुबह का नाश्ता जैसलमेर में करेंगे दोपहर का खाना जोधपुर में करेंगे और रात का दिल्ली में लेकिन नाश्ता तो आज हम उनका करेंगे इस वाक्य से आप पूरी तरह समझ गए होंगे यही प्लान था पाकिस्तान का लेकिन मां भारती के लालो ने अपने साहस से पीछे नहीं हटे और लिख डाला लोंगेवाला में एक नया इतिहास।

लोंगेवाला वीडियो 

लोंगेवाला फोटो गैलरी

23 पंजाब बटालियन-23 punjab regiment in longewala jaisalmer

पंजाब की इस बटालियन के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी थे Major Kuldeep Singh chandpuri के साथ 120 जवान थे

भारत का आखिरी कैफे-indian Last kafe in longewala jaisalmer

लोंगेवाला में भारत का आखिरी कैफे है। इसको भारतीय सेना द्वारा चलाया जाता है। यहां पर कोई होटल रेस्टोरेंट नहीं है पर्यटक यहां घूमने के बाद कैफे में नाश्ता करते हैं। यहा पर सही रेट में अच्छा नाश्ता चाय पानी मिल जाता है।

Bharat ka aakhiri cafe Longewala mein
Kafe

लोंगेवाला के आसपास घूमने लायक स्थान-tourst please near longewala post jaisalmer

यहा घूमने के बाद(tanot) तनोट माता मंदिर जा सकते हैं। लोगेवाला से तनोट माता की दूरी 51 किलोमीटर है। यहां से सम रेगिस्तान की दूरी 113 किलोमीटर है। यहां से रामगढ़ की दूरी 56 किलोमीटर है। यहां से जैसलमेर की दूरी 124 किलोमीटर है। लोंगेवाला से भारत पाकिस्तान बॉर्डर की दूरी 15 किलोमीटर है।

Pakistani tank in Longewala museum
Pakistani truck

लोंगेवाला कब जाना चाहिए-When should one go to Longewala jaisalmer

ऐसे तो कभी भी आ सकते हैं। लेकिन यह इलाका रेगिस्तान में होने के कारण सर्दियों में ठीक रहेगा गर्मियों में यहां तेज धूप पडती है। 

लोंगेवाला युद्ध स्थल खुलने का समय longewala war museum opening timing

सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक खुला रहता है।

लोंगेवाला कैसे जाएं-How to reach Longewala jaisalmer

सड़क मार्ग से लोंगेवाला जैसलमेर कैसे जाएं-How to reach Longewala Jaisalmer by Road

लोंगेवाला जाने के लिए सबसे पहले राजस्थान के जैसलमेर शहर जाना होगा। जैसलमेर में तनोट माता मंदिर होते हुए या सम रेगिस्तान होते हुए या फिर जैसलमेर से रामगढ़ और रामगढ़ से सीधा रास्ता लोंगेवाला तक जाता है। लोंगेवाला भारत माला रोड से जुड़ा हुआ है bhart mala project

रेल मार्ग से लोंगेवाला जैसलमेर कैसे जाएं-How to reach Longewala Jaisalmer by Rail

लोंगेवाला का नजदीकी रेलवे स्टेशन जैसलमेर

हवाई मार्ग से लोंगेवाला जैसलमेर कैसे जाएं-How to reach Longewala Jaisalmer by Air

यहां का नजदीकी हवाई अड्डा जैसलमेर है। लेकिन यहां पर पूरी तरह सेवा उपलब्ध नहीं है। इसलिए जोधपुर हवाई अड्डा ही आना होगा। जोधपुर से रेल और बस द्वारा जैसलमेर तक आ सकते हैं और जैसलमेर से रामगढ़ होते हुए आप लोंगेवाला तक जा सकते हैं।

लोंगेवाला जैसलमेर में कहां पर ठहरे-Where to stay in Longewala Jaisalmer

अगर आप जैसलमेर की यात्रा पर हो और लोंगेवाला भी जाना चाहते हो तो आप को रुकने के लिए नजदीकी होटल जैसलमेर रामगढ़ तनोट सम थार डेजर्ट में रात्रि विश्राम कर सकते हैं हो लोंगेवाला में कोई होटल नहीं है।

लोंगेवाला युद्ध स्थल में एंट्री फीस-Entry Fee at Longewala Battleground

लोंगेवाला युद्ध स्थल में कोई भी प्रवेश शुल्क नहीं है।

लोंगेवाला युद्ध स्थल जैसलमेर में मेरी यात्रा-my travel journey in Longewala war museum jaisalmer

मैंने जैसलमेर में तनोट माता मंदिर तक यात्रा की यहां पर मैंने देवी के दर्शन किया और रात्रि विश्राम किया और सुबह की होने वाली आरती ने भाग लिया और दर्शन करने के बाद हम लोग निकल पड़े लोंगेवाला देखने हम लोग चार जने थे और दो बाइक सुबह का सुहाना मौसम और हल्की हल्की ठंड थी और हम चल रहे थे भारतमाला की विशाल रोड पर क्या एहसास हो रहा था उस समय मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता रास्ते में कच्चे घरों की बस्तियां पालतू जानवर हम लोग रेगिस्तान की दुनिया में खो गए थे। ऐसा लग रहा था मानो कितनी पुरानी विरासत में आ गए हो धीरे-धीरे आगे बढ़ते गए रेगिस्तान के मनोरम दृश्य को देखते हुए पता ही नहीं चला कि हम कब लोंगेवाला पहुंच गए यहां आने के बाद हमने पूरा लोंगेवाला वॉर मेमोरियल देखा। कोरोना वायरस के चलते कुछ जगह बंद थी बाहर से पूरा लोंगेवाला मेमोरियल देखा यहां आने के बाद अपने आप में देशभक्ति का एहसास होता है मुझे गर्व है कि मैं एक भारतीय हूं I love my india। इसके बाद हम लोग सम रेगिस्तान की ओर निकल पड़े।

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