किराडू राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित एक ऐसी जगह है जिसके बारे में सुनकर डर सा महसूस होता है लेकिन यह जगह देखने की जिज्ञासा भी मन मे होती है।
मेरी यात्रा-My Kiradu Temple Journey
मैंने किराडू के बारे में जाना तो मेरी भी इच्छा इस जगह को देखने की हुई। मैं 16 मार्च 2021 को बाड़मेर से एक मोटरसाइकिल (Bike) से यात्रा की मेरे साथ मेरा एक और साथी था हम दोनों सुबह 10:00 बजे बाड़मेर से रवाना हुए। हम बाड़मेर रेलवे स्टेशन से चौहटन चौराया आए यहां से दाईं तरफ रोड NH 25 बाड़मेर से मुनाबाव तक जाती है।
बाड़मेर से मुनाबाव नेशनल हाईवे नंबर 25-Barmer to Munabao national haiway 25
अब हमारी आगे की यात्रा इसी रोड पर थी हम नेशनल हाईवे 25 पर आराम से आगे बढ़ते रहें लगभग 40 किलोमीटर तक चलने के बाद हम किराडू से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर थे और NH 25 हाईवे से दाईं तरफ मुड़े यह रोड किराडू होते हुए हातमा गांव तक जाती है। जब हम किराडू पहुंचे तो सबसे पहले ₹50 entry fees in kiradu temple प्रवेश शुल्क दिया और आगे बढ़े किराडू नगरी देखने का यह नजारा एकदम सुनसान था हर जगह मंदिरों के पत्थर बिखरे पड़े हैं सामने ही सोमेश्वर मंदिर है। यहां पर कुल 5 मंदिर देखने लायक स्थिति में है सोमेश्वर मंदिर काफी बड़ा मंदिर है इस मंदिर पर नक्काशी बहुत ही बारीकी से की गई है इसकी कारीगरी देखने के बाद मन में एक सवाल जरूर आता है पुराने जमाने में इतने कम संसाधनों के होते हुए भी गजब की कला थी उन लोगों में जो किराडू के मंदिरों की डिजाइन कुछ इस प्रकार संवारा था। किराडू के मंदिरों में भारत के मध्यप्रदेश में स्थित खजुराहो के मंदिरों की झलक साफ-साफ दिखती है। यहां पर हर जगह मंदिरों के टूटे पत्थर दिखेंगे जिसे पता चलता है यहां पर कई मंदिर थे जो आज धीरे-धीरे नष्ट होते जा रहे हैं। धीरे-धीरे हम आगे बढ़ते रहें मन में डर भी लग रहा था क्योंकि यह एक एकदम सुनसान जगह है। सोमेश्वर मंदिर के आगे एक शिला पर किराडू के इतिहास के बारे में लिखा है। लेकिन इस लेख में भी पूरा इतिहास जान सके ऐसा नहीं था कहा जाता है एक समय में किराडू हरी-भरी नगरी हुआ करती थी लेकिन विदेशी आक्रमणकारियों द्वारा इसे लूट लिया गया। स्थानीय लोगों का कहना है यहां पर एक साधु का श्राप लगा है उससे यह नगरी उजड़ गई साधु के श्राप के कारण यहा सब पत्थर बन गए कहां जाता है जिस समय साधु ने यहा श्राप दिया था सब लोग यहां पर पत्थर बन गए थे ऐसा अजीब रहस्य है यह का। यह सुनने के बाद हर किसी में डर महसूस होने लगता है। हम लोग धीरे-धीरे आगे बढ़े थोड़ा आगे जाने के बाद यहां पर कुछ पत्थर रखे हुए थे जो मंदिरों से टूटे हुए थे यह पत्थर यहां पर पर्यटकों के देखने के लिए रखे गए हैं
थोड़ा आगे हमें एक ट्रैक्टर दिखा यह ट्रैक्टर दिखने में काफी पुराना हैै (tector in kiradu) लेकिन यहां पर क्यों लाया गया कब लाया इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।
हमने पूरे 5 मंदिर देखे लेकिन मंदिरों की गर्भगृह तक नहीं गए क्योंकि थोड़ा डर हमें भी लग रहा था। किराडू का रहस्य ही कुछ ऐसा है कि किराडू की रहस्यमई जगह को देखने के बाद ऐसा लगता है इतनी खूबसूरत विरासत ऐसे क्यों बिखर गई अगर सब मंदिर सही सलामत होते तो कितनी अच्छी लगती किराडू नगरी किराडू के यह मंदिर कई सालों से गुमनामी की चादर से ढके रहे ।अब इंटरनेट के जमाने से लोगों तक जानकारियां पहुंच रही है और धीरे-धीरे पर्यटक ही बढ़ रहे हैं।
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सच्चियाय माता मन्दिर sachiyay mata temple in Kiradu
किराडू के पास ही एक ऊंची पहाड़ी है इस पहाड़ी पर माता सच्चियाय का मंदिर है और पास में ही थोड़ा नीचे की साइड में माता चामुंडा का मंदिर है। अब हम पूरा किराडू देखने के बाद वापस बाड़मेर की ओर लौट गए लेकिन दोस्तों यहां जाने के बाद हम जो देखते हैं और महसूस करते हैं वो शब्दों में पूरी तरह बयां नहीं कर पाते हैं आप भी किराडू जरूर जाइए और देखिए किराडू की बिखरी हुई रहस्यमई नगरी। दोस्तों मैंने मेरी यात्रा के अनुभव से यह लेख लिखा है जो मैंने देखा और सुना था बस इससे ज्यादा मैं किराडू के बारे में कुछ नहीं जानता हां इतना जरूर कहूंगा यह जगह किसी पर्यटक स्थल से कम नहीं है यह हमारे प्राचीन भारत की सभ्यता की मौजूदगी का एहसास है।