Taratra math barmer ka itihaas
Taratra math main gate

Taratra math barmer history in hindi: तारातरा मठ राजस्थान राज्य के बाड़मेर जिले में तारातरा गांव में स्थित है। बहुत ही सुंदर कलाकृति से बना यह मठ जन-जन की आस्था का प्रतीक है। इस मठ को स्वामी जैतपुरी जी महाराज ने बसाया था। तारातरा मठ तपोस्थली भूमि है। यहां पर एक अनोखी कामधेनु गौ माता है यह गौ माता साल में तीन बार अपना रंग परिवर्तन करती है।

Jetpuri ji maharaj ki samadhi

तारातरा मठ बाड़मेर का इतिहास-Taratra Math Barmer History in hindi
स्थानीय लोगों के अनुसार कहा जाता है। तारातरा की इस जगह पर स्वामी श्री जैतपुरी जी महाराज आए थे उन्होंने यहां पर कई सालों तक तपस्या की और लोगों की भलाई के लिए कई कार्य किए। स्वामी श्री जैतपुरी जी महाराज ने जिस जगह तपस्या की थी वहां पर आज धूणा है। यह धूणा तारातरा मठ का प्रमुख आस्था का प्रतीक है। तारातरा मठ की नीव श्री जैतपुरी जी महाराज ने हीं रखी थी। इसलिए इस मठ को जैतपुरी जी का मठ भी कहा जाता है। तारातरा की इस मठ में कई महंत हुए धर्मपुरी जी महाराज श्री मोहन पुरी जी महाराज बलदेव पुरी जी महाराज प्रताप पुरी जी महाराज।
स्वामी धर्मपुरी जी महाराज तारातरा मठ-Swami Dharmapuri Ji Maharaj Taratra Math
Dharmpuri Ji Maharaj ki katha: धर्मपुरी जी महाराज का सरल स्वभाव और ज्ञानी पुरुष थे जब धर्मपुरी जी महाराज तारातरा मठ के गादीपति थे तब तारातरा गांव से 40 किलोमीटर दूर एक गांव है मेहलू Mehlu barmer। इस गांव में उस समय भयंकर बीमारी फैल गई इस बीमारी को रोकने के लिए मेहलू के लोग तारातरा मठ आये और धर्मपुरी जी महाराज को अपने गांव में फैली इस बीमारी के बारे में बताया। मेहलू से अपनी आस लेकर आये लोगों को स्वामी जी ने निराश नहीं किया और लोगों को बोला आप जाइये मैं जरूर आऊंगा लोगों के जाने के बाद अपने बताएं समय के अनुसार स्वामी श्री धर्मपुरी जी महाराज तारातरा से मेहलू के लिए रवाना हुए। मेहलू गांव पहुंचने के बाद स्वामी जी ने अपना आसन लगाया और यहां फैली बीमारी के बारे में पता लगाया धर्मपुरी जी महाराज तपस्वी योगी पुरुष थे। जब स्वामी जी ने अपना ध्यान लगाया था उससे पहले यहां के लोगों को बताया था कि जब मैं ध्यान की स्थिति में रहूंगा तब कोई भी इंसान मुझे आवाज मत देना इसके बाद स्वामी जी ने अपना ध्यान लगाया स्वामी जी ने अपने ध्यान में इंद्रलोक से बातें करने लगे तब इस लीला को गांव के लोग समझ नहीं पाए और लोगों ने स्वामी जी को आवाज लगादी स्वामी जी के कहे अनुसार वचन का पालन नहीं होने पर स्वामी जी का ध्यान छूट गया ध्यान छूटने के बाद मेहलू गांव में फैली बीमारी का सफाया हो गया लेकिन स्वामी जी श्री धर्मपुरी जी महाराज उसी समय ब्रह्मलीन हो गए तब गांव के लोग अपने द्वारा तोड़े गए वचन से दुखी हुए अपने दुखी भक्तों को देखकर स्वामी श्री धर्मपुरी जी महाराज की आवाज आई जिस जगह में हूं इस जगह पर मेरा स्थान बनेगा और आज इस जगह पर धर्मपुरी जी महाराज का भव्य मठ है। धर्मपुरी जी महाराज के देवलोक गमन होने के बाद तारातरा मठ में उनके शिष्य श्री मोहन पुरी जी महाराज को गादीपति बनाया गया था।

Dhuna

स्वामी मोहन पुरी जी महाराज तारातरा मठ-Swami Mohan puri ji maharaj taratra math barmer
Mohan Puri Ji Maharaj ki katha: मालाणी के महादेव के रूप में विख्यात श्री मोहन पुरी जी महाराज का जन्म तारातरा गांव में ही हुआ था। बचपन में उनके माता पिता ने उन्हें तारातरा मठ के महंत श्री धर्मपुरी जी महाराज का शिष्य बनाया। मोहन पुरी जी महाराज 12 वर्षों तक कई धार्मिक स्थलों पर रहे और वहां तपस्या की स्वामी जी वचन सिद्ध योगी पुरुष थे। तारातरा मठ के महंत श्री धर्मपुरी जी महाराज के देवलोक गमन के बाद श्री मोहन पुरी जी महाराज ने तारातरा मठ की गादी संभाली। स्वामी मोहनपुरी जी महाराज के चमत्कार पूरे विश्व में प्रसिद्ध है

Mohan puri ji maharaj

स्वामी मोहनपुरी जी महाराज का गायो के प्रति अति स्नेह था उन्होंने कई गौशालाओं का निर्माण करवाया। बाड़मेर के दांता गांव में एक बड़ी गौशाला का निर्माण करवाया जिसका नाम श्री मोहन गोशाला है। इस गौशाला में हजारों की संख्या में गाय हैं जिसमें थारपारकर नस्ल की गाय भी है। स्वामी मोहनपुरी जी की प्रिय कामधेनु गौ माता तारातरा मठ में है। स्वामी जी जन कल्याण के लिए हमेशा कार्य करते रहे जब स्वामी मोहनपुरी जी महाराज देवलोक गमन हुए तब उनके शिष्य श्री प्रताप पुरी जी महाराज को तारातरा मठ के गादीपति बनाए गए थे। जो वर्तमान में तारातरा मठ के गादीपति है
स्वामी प्रताप पुरी जी महाराज तारातरा मठ-Swami Pratap Puri Ji Maharaj Taratra Math
श्री मोहन पुरी जी महाराज के शिष्य श्री प्रताप पुरी जी महाराज युवा और कुशल योगी पुरुष हैं। प्रताप पुरी जी महाराज ने तारातरा मठ में कई निर्माण कार्य करवाएं। स्वामी प्रतापपुरी जी महाराज जन-जन में लोकप्रिय है स्वामी जी राजनीतिक और सामाजिक कार्यों में हमेशा सक्रिय रहते हैं। स्वामी प्रतापपुरी जी महाराज बोलने में तेजस्वी है उनके दमदार भाषणों से लोग मंत्रमुग्ध हो उठते हैं। स्वामी जी ने बीते चुनावों में पोकरण जैसलमेर से भी भाग लिया था। स्वामी प्रतापपुरी जी महाराज की छवि युवा योगी पुरुष में लोकप्रिय है

Partap puri ji maharaj

कामधेनु गौ माता तारातरा मठ-Taratra math ki gomata
Taratra math in hindi: तारातरा मठ में एक कामधेनु गौमाता है। यह गौमाता साल में तीन बार अपना रंग परिवर्तन करती है। यह बिन ब्याही अनोखी यह गौमाता प्रतिदिन दूध देती है। इस दूध से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। यह गौ माता तारातरा मठ में प्रवेश करते ही दाहिनी दिशा में है। यहा आने वाले हर भक्त इस गौमाता के दर्शन जरूर करते हैं। यह अनोखी गौमाता है

Gomata Taratra math

तारातरा मठ में दर्शनीय स्थल-Taratra math me dekhne layk sthan
इस मठ में स्वामी जैतपुरी जी महाराज का धूणा दर्शनीय है और यहां पर जैतपुरी जी महाराज की समाधि। धर्मपुरी जी महाराज की समाधि, मोहन पुरी जी महाराज की समाधि, और भी यहां तारातरा मठ के महंतों की समाधिया है। और यहां पर भगवान शिव का मंदिर है। लोग यहां प्रतिदिन दर्शन करने आते हैं

Taratra math
