Nagana dham Yatra hindi: नागणेची माता का मंदिर राजस्थान के बाड़मेर जिले में नागाणा गांव में स्थित है। जिसे नागाणा धाम से जाना जाता है। मां नागणेची कई नामों से प्रसिद्ध है चक्रेश्वरी राजेश्वरी नागणेचिया माता नागणेची राठौड़ राजवंशों की कुलदेवी है।
नागणेची माता मंदिर नागाणा धाम का इतिहास Nagana Temple History hindi
देश के प्राचीन इतिहास के अनुसार मारवाड़ के राठौड़ राज्य के संस्थापक राव सिन्हा जी के पौत्र राव धुहड़ जी ने सर्वप्रथम मां नागणेशी का मंदिर बनवाया। कहा जाता है राव धुहड़ जी बचपन में अपने ननिहाल गए थे वहां पर उनके मामा जी ने राव धुहड़ जी को कहा तुम्हारे परिवार को बिना कुलदेवी देखकर पूरी दुनिया हंसती है अपने मामा द्वारा कहे शब्द धुहड़ जी को चूभ गए उन्होंने निश्चय कर लिया अपनी कुलदेवी की मूर्ति जरूर लाऊंगा लेकिन धुहड़ जी यह नहीं जानते थे हमारी कुलदेवी कौन है। तब राव धुहड़ जी एक घने जंगल में जाकर देवी की तपस्या में लीन हो गए तब धुहड़ जी की तपस्या से प्रसन्न हुई और प्रकट होकर धुहड़ जी को दर्शन दिए। देवी को सामने देख धुहड़ जी ने मां के चरणों में प्रणाम किया और बोले हे माता मेरी कुलदेवी कौन है और कहां पर है देवी ने स्नेहपूर्वक कहा। हे बालक तुम्हारी कुलदेवी मां चक्रेश्वरी है उनकी मूर्ति कन्नौज (कर्नाटक) में है।
पक्षी के रूप में आई देवी
राव धुहड़ जी अपनी कुलदेवी को लाने कन्नौज गए वहां जाकर देवी के दर्शन किए और माता जी की मूर्ति साथ में ले जाने का मन में सोचने लगे तब देवी की आवाज आई हे पुत्र मैं तुम्हारे साथ पंखी रूप में चलूंगी लेकिन याद रहे रास्ते में कहीं रुकना मत तुम जहां रुकोगे मैं वहीं रुक जाऊंगी तब राव धुहड़ जी लगातार चलते रहे और नागाणा में आए तब तक थक गए और एक नीम की छांव में विश्राम किया और नींद आ गई जब जागे तो देखा देवी पंखी के रूप में नीम की डाली पर विराजमान है तब राव धुहड़ जी आगे चलने लगे तो देवी ने कहा हे पुत्र मैंने पहले बताया था जहां तुम रुकोगे मैं वहीं पर रुक जाऊंगी अब मैं आगे नहीं चलूंगी अब मेरा यही पर स्थान रहेगा तब मां नागणेची की लीला से नागाणा में देवी की मूर्ति प्रकट हुई और यह स्थान नागाणा धाम कहलाया और मां नागणेची राठौड़ों की कुलदेवी कहलाई।
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नागाणा धाम दर्शन Nagana Dham
नागाणा धाम में प्रवेश करते ही सामने बहुत ही सुंदर और विशाल प्रवेश द्वार (पॉल) है प्रवेश द्वार पर की गई कारीगरी और नकाशी देखने लायक है। और सामने ही पहाड़ी की गोद में संगमरमर से बना मां नागणेची का भव्य मंदिर है इस मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान मां नागणेची देवी के दर्शन करने हजारों की संख्या में भक्त आते हैं और अपनी मनोकामना पूर्ण होने की कामना करते हैं इस मंदिर पर नक्काशी बहुत ही बारीकी से की गई है जो बहुत ही खूबसूरत है। नागणेची देवी मंदिर के पास ही लोक देवता पाबुजी राठौड़ का मंदिर है।