Amer fort history in hindi: आमेर का किला भारत में राजस्थान राज्य की राजधानी जयपुर में स्थित है। जयपुर को गुलाबी शहर के नाम से भी जाना जाता है। आमेर का किला भारत के सबसे बड़े किलो में से जाना जाता है और यह किला अरावली पर्वत की चोटी पर स्थित है। आमेर का किला अपनी वास्तुशिल्प कला और पौराणिक इतिहास की वजह से पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं और इस किले में प्रतिदिन हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं। आमेर के किले में की गई कारीगरी और बेजोड़ नक्काशी यहां पर आने वाले पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है और पर्यटक फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का भरपूर आनंद उठाते हैं। दोस्तों आप भी कभी राजस्थान के गुलाबी शहर जयपुर की यात्रा पर जाते हो तो आमेर किले को देखना ना भूलें।
आमेर के किले के बारे में अधिक जानने के लिए इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें इस लेख में आमेर के किले के बारे मे संपूर्ण जानकारी दी गई है। जैसे आमेर किले का इतिहास और इस किले में कीगई वास्तुकला, आमेर किले में प्रवेश शुल्क और आमेर का किला देखने कैसे पहुंचे तो आप इस लेख को पूरा जरूर पढ़िए।
आमेर किले का इतिहास – Amber fort history in hindi
Table of Contents
आमेर किले का इतिहास बहुत ही रोचक है। आमेर के इस किले के निर्माण के बारे में भी अलग-अलग कहानियां हैं। कहा जाता है सबसे पहले आमिर किले का निर्माण 967 ईस्वी में मीणा जनजाति द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है इस किले का नाम भगवान शिवजी के अंबिकेश्वर नाम से रखा गया है। लेकिन यहां के स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि इस किले का नाम देवी दुर्गा के नाम अंबा से रखा गया है। कहा जाता है 11 वीं शताब्दी के दौरान आमेर पर कछवाहों का शासन रहा था। फिर 16 वी शताब्दी में राजा मान सिंह प्रथम ने पुराने अवशेषों पर दुबारा आमेर के किले का निर्माण करवाया इसके बाद वहां के राजा के जो उत्तराधिकारी थे वो इसमें संशोधन और नवीकरण का काम करवाते रहे और सन 1727 में सवाई जय सिंह दृतीय ने अपनी राजधानी आमेर से जयपुर बना ली थी |Amer fort आमेर का यह किला पुराने जमाने में बनी वास्तुशैली एवं इतिहास का एक बेजोड़ नमूना है। इस किले में कई ऐसी जगहें हैं जो देखने लायक है। इस किले में सूर्य द्धार, चन्द्रपोल द्धार, जलेब चौक, सैलानी महल, सिंहपोल द्धवार, दीवान-ए-आम, गणेश द्धवार, शिला देवी मंदिर, सुख महल और शीश महल की सुंदरता और भव्यता देखने की मिलती है।
आमेर किले के इतिहास से जुडी रोचक जानकारी – Interesting information related to the history of Amer Fort
Amer fort in hindi: एक पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है कि भगवान राम के पुत्र कुश के वंशज दुलहराय जो सोढा सिंह के पुत्र थे उन्होने 11वी सदी में रामगढ़ में मीणाओ और दौसा के बडगुजरो को परास्त किया था इन्ही के पुत्र थे कान्किल देव जिन्होंने सन 1207 में आमेर में मीणाओ को परास्त कर कछवाहा वंश को आमेर में स्थापित किया तबसे आमेर कछवाओ की राजधानी बन गया था जो की बाद में जयपुर में मिल गया |
आमेर किले की वास्तुकला और नक्काशी – Architecture of Amer Fort
आमेर का किला पारंपरिक हिंदू और राजपुताना शैली में बना हुआ है। जिसको संगमरमर और बलुआ पत्थरों बनाया गया है। इस किले में आपको प्राचीन शिकार शैलियों और महत्वपूर्ण राजपूत शासकों के चित्र देखने को मिलेंगे। आमेर का किला चार भागों में विभाजित है जिसका प्रत्येक भाग अपने अलग प्रवेश द्वार और आंगन से सजा हुआ है। इस किले के मुख्य द्वार को ‘सूरज पोल’ या सूर्य द्वार कहा जाता है जो मुख्य प्रांगण की ओर जाता है। पूर्व की ओर स्थित इस प्रवेश द्वार का नाम सूर्य द्वार उगते सूर्य के संबंध में इसकी स्थिति की वजह से पड़ा है। इस किले में सीढ़ियों की मदद से आप महल परिसर में ‘जलेब चौक’ नामक एक प्रभावशाली प्रांगण की तरफ पहुँच जाते हैं। यह सीढ़ियाँ शिला देवी मंदिर की ओर जाती हैं। जलेब चौक का उपयोग सेना द्वारा अपने युद्ध के समय को फिर से प्रदर्शित करने के लिए किया गया था जहां महिलाओं को केवल खिड़कियों के माध्यम इसे देख सकती थी।
आमेर के किले का रहस्य – Aamir kile ka Rahasya
Pink city: जयपुर के आभूषण के रूप में यह किला सुंदर वास्तुकला और समृद्ध इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस किले में कई रहस्य और राज भी छुपे हुए है। 17 वीं शताब्दी में निर्मित ईस किले में राजा मान सिंह का खजाना छिपा हुआ है। मगर आज तक उसकी प्रमाणिक पुष्टि नही हुई है। कोई भी इस किले की कई घटनायों और तथ्यों को आज भी स्पष्ट नहीं कर सके है। यहां के स्थानीय लोगो के मुताबिक कहा जाता है की ईस किले के निर्माण में 100 साल का समय लगा था। जो आज भी असप्ष्ट है। आमेर किले से जुडे़ कई रहस्य आज भी अनसुलझे है।
आमेर किले में दर्शनीय स्थल शिला देवी मंदिर – Amer Fort Shila Devi Temple
आमेर के किले में शिला देवी मंदिर स्थित है। इस मंदिर के पीछे एक रोचक कहानी है। कहा जाता है कि राजा मान सिंह के सपनों में एक बार मां काली ने दर्शन दिए थे और उनसे जेसोर(बांग्लादेश के करीब स्थित एक जगह) पर अपनी प्रतिमा खोजने को कहा। राजा मान सिंह ने मां के आदेश का पालन किया और बताई गई पर प्रतिमा को खोजा गया लेकिन उन्हें वहां पर मां की मूर्ति मिलने के बजाय एक बड़ा सा पत्थर मिला। मां शिला देवी की प्रतिमा खोजने के लिए इस पत्थर की सफाई की गई और इस तरह यहां शिला देवी का मंदिर बन गया। आज भी श्रद्धालुओं की इस मंदिर में गहरी आस्था है। और यहां पर आने वाले पर्यटक मां शिला देवी मंदिर में दर्शन करने अवश्य जाते हैं।
दीवान ए आम – Diwan – A – Aam Amer Fort Jaipur in hindi
दीवान ए आम का निर्माण राजा जय सिंह ने करवाया था। दीवान ए आम का निर्माण मुख्य रूप से आम जनता की फरियाद और समस्याएं पर विचार विमर्श करने के लिए किया गया था। इस ऐतिहासिक स्थान को शीशे के पच्चीकारी काम के साथ बेहद खूबसूरत नक्काशीदार स्तंभों के साथ बनाया गया है। दीवान-ए-आम में बेहद आर्कषक 40 खंभे बने हुए हैं। यह खंभे दो तरह के पत्थरों से बने हुए है, जिसमे लाल रंग के पत्थर और दुसरे संगमरमर के पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। दीवान ए आम के सामने सुख निवास स्थित है जिसके दरवाजों को हाथी दांत से सजाया गया है। दीवान ए आम आमेर किले का एक खुबसूरत दर्शनीय स्थल है। Amer fort history in hindi
आमेर किले में देखने लायक स्थान शीश महल – Sheesh Mahal is a place to see in Amer Fort in hindi
शीश महल आमेर किले में स्थित खुबसूरत महलों में से एक है। शीश महल को दीवान ए खास के नाम से भी जाना जाता है। इस महल में कांच की सुन्दर जड़ाई की गई है। इस महल को कई अलग-अलग तरह के खुबसूरत काँच से बनाया गया है इस लिए इस महल को शीशमहल कहा जाता है। शीश महल की सबसे खास बात यह है कि रात में इसे प्रकाशित करने के लिए सिर्फ एक मोमबत्ती की रोशनी ही काफी है। और दिन के समय में इस महल में सूर्य की कुछ किरणों से पूरे महल में उजाला हो जाता है। तो दोस्तो आप कभी आमेर किला देखने जाते हो तो यह महल जरूर देखे।
दीवान-ए-आम के पास में ही स्थित सुख निवास चंदन और हाथी दांत से बना है। कहा जाता है कि यह इस जगह का इस्तेमाल राजा अपनी रानियों के साथ समय बिताने के लिए करते थे, इस लिए इस जगह को सुख निवास कहा जाता है। यहां पर आने वाले पर्यटको को सुख निवास में की गई कारीगरी और बेजोड़ नक्काशी अपनी और आकर्षित करती है।
त्रिपोलिया द्वार – Tripolia Gate Amer Fort Jaipur in Hindi
आमेर किले के पश्चिमी हिस्से में बने त्रिपोलिया द्वार में तीन दरवाजे देख सकते है। इन पर की गई कारीगरी देखने लायक है। यह तीनों दरवाजे अलग अलग दिशा की और जाते है। उसमे एक मान सिंह महल की तरफ, दुसरा जनाना डढ्योडी और तीसरा जलेब चौंक की और जाता है। इन सभी द्वार को त्रिपोलिया द्वार कहा जाता है।
गणेश पोल – Ganesh Pol Amer Fort in Hindi
गणेश पोल आमेर किले का मुख्य प्रवेश द्वार है। गणेश पोल का निर्माण मिर्जा राजा जय सिंह द्धितीय ने अपने शासन काल में करवाया था। गणेशपुर के बारे में कहा जाता है कि जब राजा युद्ध में जीतकर आते थे उस समय गणेश पोल मुख्य द्वार से प्रवेश करते थे। उस समय गणेश पोल से महाराजा पर फूलों की वर्षा की जाती थी गणेश पोल खूबसूरत तरीके से सजाया है यहां पर गणेश जी की छोटी सी मूर्ति भी स्थापित है यह द्वार किले का मुख्य द्वार है इसलिए इसे गणेश पाल के नाम से जाना जाता है।
आमेर फोर्ट जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time To Visit Amber fort history in hindi
दोस्तों आप भी आमेर का किला घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको बता दें कि आमेर किला देखने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च तक का अच्छा होता है इस समय यहां पर मौसम बहुत ही सुहाना होता है आप अगर सर्दियों में आमेर का किला घूमने जाते हैं तो आपको ऊनी कपड़े साथ जरूर लेकर जाना चाहिए अगर यहां पर गर्मियों के मौसम में यात्रा करने की सोचते हैं तो उस समय जयपुर का तापमान 44 ° C से 45 ° C के बीच एव गर्म हवाएं चलती हैं।
आमेर फोर्ट के आसपास खाना और स्थानीय भोजन – Local Food At Amer Fort In Hindi
आमेर किला जयपुर भारत के सबसे खास और प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। राजस्थान का गुलाबी शहर के नाम से मशहूर शहर जयपुर में आप यहां पर एक से बढ़कर एक व्यंजन का आनंद ले सकते हैं। (Rajasthani food) आमेर किला के कुछ खास स्थानीय भोजन आपको जरूर खाने चाहिए। यहाँ पर कई ऐसे स्थानीय भोजन उपलब्ध है जिसका स्वाद चखकर पर्यटक मोहित हो जाते हैं। महाराजाओं और महारानियों द्वारा प्रभावित एक पारंपरिक राजस्थानी थाली आप एक से बढ़कर एक चीजों का स्वाद चख सकते हैं। यहाँ के दाल बाटी चूरमा, इमरती और घेवर जैसी मिठाइयों और प्रसिद्ध चाट जैसे भव्य व्यंजनों को खाए बिना जयपुर की यात्रा अधूरी है। यहां की मिठाइयाँ बहुत लोकप्रिय हैं जिसमें घेवर, इमरती, हलवा, चोइर्मा, गजक, मूंग थाल और बहुत कुछ शामिल हैं। हालांकि जयपुर में बढ़िया भोजन के लिए कई विकल्प हैं यह आपको कई रेस्टोरेंट और भोजनालय मिल जाएगी।
आमेर किला घूमने कैसे पहुंचे – How to reach Amer Fort in Hindi
आमेर किला घूमने के लिए सबसे पहले हमें राजस्थान की राजधानी व गुलाबी शहर जयपुर पहुंचना होता है। जयपुर शहर भारत के विभिन्न शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यहां पर आप सड़क मार्ग, रेल मार्ग और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंच सकते हैं। आमेर का किला मुख्य शहर से लगभग 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जयपुर पहुंचने के बाद आप आमेर किले के लिए बस टैक्सी या फिर बाइक से आसानी से पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग से आमेर किला घूमने कैसे पहुँचे – How to reach Amer Fort by Road in Hindi
आप भारत में किसी भी राज्य से हो और आमेर किला घूमने के लिए सड़क मार्ग द्वारा यात्रा करना चाहते हो तो बतादें की जयपुर शहर भारत के प्रमुख सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है। आपको जयपुर के लिए नई दिल्ली अहमदाबाद, उदयपुर, वडोदरा, कोटा और मुंबई जैसे शहरों से प्रतिदिन सीधी बस सेवा उपलब्ध है। बस द्वारा आप जैसलमेर आसानी से पहुंच सकते हैं। जयपुर पहुंचने के बाद आप आमेर किले के लिए यहां से टैक्सी और cabe से आसानी से आमेर किले पहुंच सकते हैं। और आप अपना पर्सनल वाहन लेकर आते हैं तो भी आसानी से आमेर किला पहुंच सकते हैं।
रेल द्वारा आमेर किला घूमने कैसे पहुँचे – How to reach Amer Fort by Train in Hindi
अगर आप आमेर किला घूमने की यात्रा रेल द्वारा करना चाहते हैं तो बता दे कि जयपुर रेलवे स्टेशन भारत के प्रमुख रेलवे मार्गो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। जयपुर के लिए प्रतिदिन दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद और जोधपुर से हर समय रेल सेवा चालू रहती है। जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आपको यहां से टैक्सी या कैब द्वारा आमेर किले तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
हवाई जहाज से आमेर किला कैसे पहुंचे – How to reach Amer Fort by Airplane in Hindi
Jaipur airport: यदि आप आमेर किला देखने जयपुर की यात्रा हवाई मार्ग से करना चाहते हैं तो बता दें जयपुर का सांगानेर हवाई अड्डा भारत के प्रमुख हवाई अड्डों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। यह हवाई अड्डा मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली और बैंगलोर से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। सांगानेर हवाई अड्डे से आमेर किले की दूरी करीब 27 किलोमीटर है जिसके लिए किसी भी टैक्सी या कैब द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं
आमेर किले के आसपास घूमने लायक स्थान – top tourist palace in Jaipur in hindi
Tourist places in Jaipur: दोस्तों आप आमेर किला घूमने के लिए राजस्थान के जयपुर शहर आते हैं और पूरा आमेर किला देखने के बाद आप और भी जयपुर में प्रसिद्ध पर्यटक स्थल देखना चाहते हैं तो बता दें कि आमेर किले के आसपास बहुत से पर्यटक स्थल देखने लायक है। हवा महल, सिटी पैलेस, नाहरगढ़ किला, जल महल आदि जयपुर के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
आमेर किले का टाइमिंग और प्रवेश शुल्क – Amer Fort timing and entry fees
आमेर किला सुबह 8:00 बजे से लेकर शाम 7:00 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है। आमेर किले में एंट्री फीस भारतीय नागरिकों के लिए ₹100 प्रति व्यक्ति हैं और विदेशी पर्यटकों के लिए ₹550 प्रत्येक व्यक्ति है और भारतीय स्टूडेंट के लिए ₹50 प्रति स्टूडेंट है।
आमेर किले के आसपास ठहरने लायक स्थान – places to stay near amber fort in hindi
Top hotels in Jaipur: जयपुर शहर राजस्थान की राजधानी और गुलाबी शहर के नाम से मशहूर होने के नाते यहां पर हर समय पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। इसलिए यहां पर आपको कई सस्ते और महंगे होटल्स मिल जाएंगे और यहां पर सस्ते लॉज भी आपको मिल जाएंगे जहां पर आप आसानी से ठहर सकते हैं।
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