Bhangarh fort history in hindi: भानगढ़ का किला भारत में राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित है। भानगढ़ का किला अरावली पर्वतमाला में सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सीमा पर स्थित है। और भानगढ़ किले के पास में ही गोला गांव बसा हुआ है। भानगढ़ का किला पूरे भारत में प्रसिद्ध है। भानगढ़ किला भूतों के किस्सों की वजह से हमेशा चर्चा में रहता है। हर कोई इस किले को भूतिया बताते हैं। हर किसी को बस यही डर रहता है कि भानगढ़ किले के भीतर भूत है। और लोग अकेले में इस किले में जाने से डरते हैं। भानगढ़ का किला नीचे की ओर ढलान वाले इलाके में पहाड़ियों के तल पर स्थित है जो देखने में बहुत ही भयानक दिखता है। कहा जाता है कि भानगढ़ किले में आने वाले पर्यटकों ने भी यहां पर डरावनी घटनाओं का जिक्र किया है।
दोस्तो आप भी भानगढ़ किले के बारे में अधिक जानना चाहते हो तो इस लेख को पूरा जरूर पढ़ें इस लेख में भानगढ़ किले के बारे मे संपूर्ण जानकारी दी गई है। जैसे भानगढ़ किले का इतिहास, भानगढ़ किले का इतिहास डरावना क्यों है। भानगढ़ किले में प्रवेश शुल्क और भानगढ़ का किला देखने कैसे पहुंचे तो आप इस लेख को पूरा जरूर पढ़िए।
भानगढ़ किले का इतिहास – Bhangarh fort history in hindi
bhangarh fort story: भानगढ़ किले का इतिहास कई सदियों पुराना है। राजस्थान में 17 वीं शताब्दी में बना हुआ यह किला प्राचीन समय की कला का एक अजीब नमूना है। कहा जाता है कि भानगढ़ किले निर्माण आमेर के महराजा भगवत दास ने इसे अपने छोटे बेटे माधोसिंह के लिए सन 1573 में बनवाया था। माधोसिंह के बड़े भाई मानसिंह थे जो मुग़ल बादशाह अकबर के नवरत्नों में सामिल थे। माधोसिंह ने भानगढ़ किले को सन 1613 ईस्वी में अपना निवास स्थान बना लिया था। माधोसिंह के बाद भानगढ़ किले पर उनके पुत्र छत्रसिंह ने शासन संभाला और फिर धीरे धीरे सन 1722 ईस्वी में भानगढ़ किले की राजगद्दी इसी राजवंश के शासक हरिसिंह ने संभाली थी। फिर बाद मे भानगढ़ की शासन व्यवस्था कमजोर होने लगी और दिल्ली के बादशाह औरंगजेब के दबाव के कारण इस राजवंश ने इस्लाम धर्म अपना लिया था। फिर समय के साथ भानगढ़ किले पर जयपुर के महाराजा सवाई जयसिंह ने आक्रमण किया और इस भानगढ़ किले को अपने नियंत्रण में कर लिया और यहां पर धीरे-धीरे अकाल जैसी विकट समस्या आने लगी और लोग यह स्थान धीरे-धीरे छोड़कर यहां से चले गए। और आज के समय में भानगढ़ का किला भारत के सबसे डरावने किलो में से जाना जाता है। भानगढ़ के किले में सूर्य अस्त के बाद जाना मना है।
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भानगढ़ किले का रहस्य – Bhangarh kile ka Rahasya in Hindi
भानगढ़ किले का अजीब रहस्य है। भानगढ़ का किला भारत के सबसे डरावनी स्थानों में से गिना जाता है। इस किले में बहुत सी घटनाएं घटी है जिसके कारण लोगों में डर रहता है। कहा जाता है कि भानगढ़ किले में बुरी प्रेत आत्माओं का छाया रहता है इस कारण इस किले में सूर्यास्त के बाद किले के अंदर जाना सरकार की ओर से भी मना है। कहा जाता है कि भानगढ़ किला खंडहर होने के पीछे दो बड़ी कहानियां है। जो यहां के स्थानीय लोगों द्वारा सुनाई जाती है। लेकिन भानगढ़ किला का सच क्या है? इसके बारे में प्रमाणिक तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता लेकिन यहाँ घटने वाली रहस्यमयी घटनाओं के बारे में कई कहानियाँ प्रचलित हैं। कहा जाता है कि इन घटनाओं की वास्तविकता भानगढ़ किले के खंडहर होने की कहानियों से जुड़ी हुई है।
भानगढ़ किले की कहानी – Bhangarh Fort story in hindi
कहा जाता है कि भानगढ़ किले के निर्माण से पहले यहां पर एक साधु महात्मा का तपस्या स्थल था। और महाराजा भगवंत दास ने साधु महात्मा से यहां पर किला बनाने की अनुमति ली और साधु महात्मा ने महाराजा को एक शर्त पर किला बनाने की अनुमति दी की इस किले की परछाई साधु महात्मा के तपस्या स्थल पर नहीं पड़नी चाहिए। महाराजा भगवंत दास ने साधु महात्मा के वचन का पालन किया लेकिन समय के साथ राजवंशो ने किले की ऊपरी मंजिलों का निर्माण करवाया और ज्यादा लंबाई होने से किले की परछाई साधु महात्मा की तपस्या स्थल पर पड़ी
इसलिए साधु महात्मा क्रोधित हो उठे और उन्होंने ईस किले को श्राप दे दिया की यह किला अब आबाद नहीं रहेगा। इसलिए कहा जाता है कि साधु महात्मा के श्राप के बाद यह किला खंडार हो गया।
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भानगढ़ किले की कहानी – Bhangarh kile ki kahani
भानगढ़ किला खंडहर होने के पीछे एक और कहानी प्रचलित है कहा जाता है कि भानगढ़ की रानी रत्नावती थी। जो बहुत ही खूबसूरत थी और इसी रानी रत्नावती (Rani Ratnavati) की वजह से भानगढ़ किला खंडहर हुआ था। कहा जाता है की एक दिन भानगढ़ में काले जादू में पारंगत एक तांत्रिक आया और किले के सामने पहाड़ी पर साधना करने लगा वहीँ से एक दिन उस तांत्रिक की नजर रानी रत्नावती पर पड़ी और वह उसके रूप पर आसक्त हो गया वह रानी रत्नावती को पाना चाहता था लेकिन ये आसान नही था। वह भानगढ़ के राजा की रानी थी। इसलिए वह अपनी काली तांत्रिक शक्तियों के प्रयोग से रानी को पाने की योजना बनाने लगा इस कार्य के लिए उसने रानी की दासी को अपने साथ मिला लिया एक दिन जब वह दासी बाज़ार में रानी रत्नावती के लिए श्रृंगार का तेल लेने गई तब तांत्रिक ने अपनी शक्तियों से उस तेल पर वशीकरण मंत्र प्रयोग कर रानी रत्नावती के पास भिजवाया उसकी योजना थी कि वशीकरण के प्रभाव से रानी रत्नावती उसकी ओर खिंची चली आयेंगी लेकिन तांत्रिक को इस बात का ज्ञान नहीं था कि रानी रत्नावती काले जादू और तंत्र विद्या की ज्ञाता है रानी रत्नावती तांत्रिक का छल समझ गई और उसने वह तेल एक चट्टान पर गिरा दिया तंत्र विद्या के प्रभाव में वह चट्टान तीव्र गति से तांत्रिक की ओर जाने लगी जब तांत्रिक ने चट्टान से अपनी मौत निश्चित देखी तो उसने श्राप दिया कि भानगढ़ बर्बाद हो जायेगा वहाँ के निवासियों की शीघ्र मौत हो जायेगी और उनकी आत्माएं सदा भानगढ़ में भटकती रहेंगी वह चट्टान के नीचे दबकर मर गया इस घटना के कुछ दिनों बाद ही भानगढ़ और अजबगढ़ में युद्ध हुआ और उस युद्ध में भानगढ़ की हार हुई युद्ध उपरांत पूरा भानगढ़ तबाह हो गया वहाँ के रहवासी मर गए उसके बाद भानगढ़ कभी न बस सका कहा जाता है कि इस घटना में अकाल मृत्यु को प्राप्त लोगों की आत्मायें आज भी भानगढ़ में भटकती हैं।
भानगढ़ का किला देखने जाने के लिए अच्छा समय – Best Time To Visit Bhangarh Fort In Hindi
trip to bhangarh: दोस्तो आप भी भानगढ़ घूमने जाना चाहते हैं तो बता दें कि वैसे तो आप भानगढ़ घूमने साल में किसी भी समय जा सकते हैं लेकिन अप्रैल से लेकर जून तक के महीनों में राजस्थान में गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसलिए नवंबर से लेकर मार्च तक का समय आपके लिए सबसे अच्छा रहेगा।
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भानगढ़ में रात को क्यों नहीं जा सकते – Why can’t go to Bhangarh at night
दोस्तो भानगढ़ किले को देखने के बारे मे हम सोचते तो मन में एक सवाल जरुर आता है की क्या रात के समय में भानगढ़ किले में जा सकते हैं। तो आप को बता दें कि भानगढ़ किले की रहस्यमयी घटनाओं के कारण पुरातत्व विभाग द्वारा भानगढ़ किले को भुतया घोषित कर दिया है और किले के प्रवेश द्वार पर सरकार द्वारा वार्निंग बोर्ड लगाया गया है। जिसके अनुसार सूर्योदय और सूर्यास्त के बाद किले में प्रवेश वर्जित है। अब भानगढ़ किला भारत सरकार की निगरानी में है।
भानगढ़ किला देखने कैसे पहुंचे – How to reach Bhangarh fort history in hindi
दोस्तों आप भारत में किसी भी राज्य में रहते हो और भानगढ़ किला देखना चाहते हो तो बता दें कि भानगढ़ राजस्थान राज्य के अलवर जिले का एक गाँव हैं जो जयपुर और दिल्ली के बीच स्थित है सबसे पहले आपको राजस्थान के जयपुर या फिर अलवर पहुंचना होता है। जयपुर और अलवर से आप आसानी रेल और बस द्वारा भानगढ़ किले पहुंच सकते हैं।
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भानगढ़ किला खुलने का समय – Bhangarh Fort timing in Hindi
भानगढ़ का किला सुबह के 6 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक खुला रहता है। सूर्यास्त के बाद यहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है।
भानगढ़ किले का प्रवेश शुल्क – Bhangarh Fort Entry Fees In Hindi
भानगढ़ किले में प्रवेश शुल्क
भारतीयों पर्यटकों के लिए : 25 रूपये प्रति व्यक्ति है।
विदेशियों पर्यटकों के लिए : 200 रूपये रूपये प्रति व्यक्ति है। अगर आप वीडियोग्राफी करना चाहते हैं तो कैमरे का चार्ज : 200 रूपये है।
सड़क मार्ग द्वारा भानगढ़ किला कैसे पहुंचे – How to reach Bhangarh Fort by Road
दोस्तों अगर आप बस द्वारा सड़क मार्ग से भानगढ़ किले की यात्रा करना चाहते हो तो बता दें कि भानगढ़ देश के सभी प्रमुख सड़क मार्गो से जुड़ा हुआ है। जयपुर और अलवर से नियमित रूप से चलने वाली बसें भानगढ़ किले के लिए आसानी से मिल जाएगी।
रेल द्वारा भानगढ़ किला कैसे पहुंचे – How to reach Bhangarh Fort by Train
दोस्तों अगर आप ट्रेन द्वारा भानगढ़ किले की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दे कि भानगढ़ का निकटतम रेलवे स्टेशन दौसा है। दौसा रेलवे स्टेशन भानगढ़ से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है दौसा से सरकारी और प्राइवेट बस से आप आसानी से भानगढ़ किले पहुंच सकते हैं।
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हवाई जहाज से भानगढ़ किला देखने कैसे पहुंचे – How to reach Bhangarh Fort by Airplane
दोस्तों अगर आप भानगढ़ का किला देखने के लिए हवाई जहाज की यात्रा करना चाहते हैं तो बता दें कि भानगढ़ का निकटतम हवाई अड्डा जयपुर में है जयपुर से भानगढ़ की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है। जयपुर से आप बस या ट्रेन द्वारा भानगढ़ किला देखने आसानी से पहुंच सकते हैं।
भानगढ़ किले के आसपास ठहरने लायक स्थान – places to stay near Bhangarh Fort
दोस्तों अगर आप भानगढ़ किले को देखने के बाद यहां पर रुकना चाहते हैं तो बता दें कि भानगढ़ किले से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित दौसा में ठहर सकते हैं दौसा में आपको ठहरने लायक गेस्ट हाउस और होटल्स आसानी से मिल जाएगी।
भानगढ़ किला फोटो गैलरी – Bhangarh fort photo gallery
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